संस्कृत स्वयं शिक्षक
आज मै आप को संस्कृत सिखने कि एक ऐसी किताब के बारे मे बताने जा रहा हु जो आप को संस्कृत सिखने के लिये बहोत हि काम आयेगी ।संस्कृत शिक्षण के लिए और संस्कृत सिखने के लिये इस पुस्तक का इस्तेमाल् आप लोग अपने आप कर सकेङ्गे । स्वयंभू संस्कृत सिखने के लिये आप लोगो को यः पुस्तक बहोत हि उपयोगी रहेगी ।
इस पुस्तक का नाम है संस्कृत स्वयं शिक्षक ।
इस पुस्तक के ज़रिये आज तक लाखो लोगो ने संस्कृत सिखी है आप को भी यह पुस्तक इसी तरह सरल रीत से स्वयं संस्कृत सिखने के लिए काम आयेगी ।
पण्डित श्रीपाद दामोदर सातवलेकर जी द्वारा लिखित 'संस्कृत स्वयं शिक्षक' पुस्तक को इसी लिन्क के ज़रिये स्पेशल डिस्काउंट के साथ आज हि खरिदे ।
इस पुस्तक में ऐसी सरल पद्धति दी गई है जो आप को संस्कृत सीखने में बहोत हो उपयोगी हो सकती है ।
श्रीपाद दामोदर सातवलेकर महोदय संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित है । इन्होंने संस्कृत सीखने के लिए बहोत से पुस्तक लिखे है । परंतु यह संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक बाकी सभी पुस्तकों में सिरताज जैसा है । आप ने अपने जीवन के 40 साल तक संस्कृत अध्यापन करवा के इस बेहद अच्छी पुस्तक का निर्माण किया है । संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक का बिक्री बहोत ही बढ़ रहा है ।
संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक को कैसे इस्तेमाल करे ?
संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक में पेज नंबर 10 पर दिया गया सूचना कुछ ऐसा है ।
1.संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक में शुरू से प्रथम पाठ तक जो कुछ लिखा है वो अच्छी तरह से पढ़े । सब ठीक से समझने के पश्चात् प्रथम पाठ को पढ़ना आरम्भ करे ।
2. संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक का हर एक पाठ पहले सम्पूर्ण पढ़ना चाहिए, फिर उनको क्रमशः स्मरण करना चाहिए । हर एक पाठ को कम से कम दस बार पढ़ना चाहिए ।
3. संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक के हर एक पाठ में जो जो संस्कृत वाक्य है , उनको कंठस्थ करना चाहिए तथा जिन जिन शब्दों के रूप दिए गए है , उनको स्मरण करके, उनके समान जो शब्द दिए हो, उन शब्दों के रूप वैसे ही बनाने का प्रयत्न करना चाहिए ।
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4. संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक में जहाँ परीक्षा के प्रश्न दिए हो, वहां उनके उत्तर दिए बिना आगे नही बढ़ना चाहिए । यदि प्रश्नों के उत्तर देना कठिन हो , तो पूर्व पाठ दुबारा पढ़ना चाहिए । प्रश्नों का जल्दी से उत्तर न दे सकने का मतलब यही है कि पूर्व पाठ ठीक प्रकार से तैयार नही हुए ।
5. संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक में जहाँ दुबारा पढ़ने की सूचना दी है , वहाँ अवश्य दुबारा पढ़ना चाहिए ।
6. संस्कृत स्वयं शिक्षक पुस्तक यदि दो विद्यार्थी साथ साथ अभ्यास करेंगे और परस्पर प्रश्नोत्तर कर के एक दूसरे को मदद करेंगे तो अभ्यासः बहुत ही शीघ्र हो सकेगा ।
7. संस्कृत स्वयं शिक्षक नाम की यह पुस्तक तीन महीनों के अभ्यास के लिए है । इसलिए पाठको को चाहिए कि वे समय के अंदर पुस्तक समाप्त करे । जो पाठ अधिक समय लेना चाहता है वे ले सकते है ।
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धन्यवाद ।
Nirav Jani